नई दिल्ली: यूँ तो बहुत से लोग दिग्गज व्यवसायी रतन टाटा को अपना आदर्श मानते हैं और उन्हें फॉलो करते हैं उनके जैसा बनना चाहते हैं. समय-समय पर रतन टाटा के मोटिवेशनल कोट्स हमारे बीच दिखाई पड़ते रहते हैं. ऐसा ही एक इन्फोग्राफिक इस वक़्त सोशल मीडिया पर एक बार फिर से वायरल हो रहा है जिसमे ये टेक्स्ट लिखा हुआ है की ‘शराब की बिक्री आधार कार्ड पर होना चाहिए जो शराब खरीदता है उसकी खाध सब्सिडी बंद कर देनी चाहिए , क्योंकि जो शराब खरीद सकता है वो अनाज भी खरीद सकता है’ दावा किया जा रहा है की ये बात रतन टाटा न कही है.
यह दावा फेसबुक ग्रुप्स धड़ल्ले से किया जा रहा है जिन्हे आप यहाँ, यहाँ और यहाँ क्लिक करके देख सकते हैं.
Fact Check/Verification
दावे के पड़ताल के लिए सबसे पहले हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च किये तो हमें इस संदर्भ में कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली जिससे ये साबित हो सके की शराब और आधार से सम्बंधित कोई बयान रतन टाटा ने दिया हो. अगर ऐसा कोई बयान रतन टाटा देते तो ज़रूर बड़े मीडिया संगठन इसको कवर करते. फिर हमने रतन टाटा के सोशल मीडिया खंगाले तब भी हमें ऐसा कोई बयान नहीं मिला. फिर हमारी टीम को साल 2021 में छपी ndtv इंडिया की एक रिपोर्ट मिली जिसका टाइटल ‘‘मैंने नहीं कहा’: आधार कार्ड से शराब बिक्री को जोड़ने वाली पोस्ट पर बोले रतन टाटा’
एक और न्यूज़ 18 हिंदी की हमें खबर मिली जिसका टाइटल कुछ इस प्रकार से था ‘Ratan Tata के नाम वायरल हो रहा शराब पर ये बयान, टाटा बोले- मैंने ऐसा नहीं कहा’
यहाँ से यह भी साबित हो गया की रतन टाटा ने शराब को आधार से जोड़ने वाला ऐसा कोई भी नहीं दिया है. अतः हमारी इस पड़ताल से यह साफ हो गया सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा पूरी तरह फ़र्ज़ी है
Claimed By | Social Media Users |
Claimed Reviewed By | The Searchlight |
Claim Source | |
Claim Fact Check | False |