ट्रिगर चेतावनी: हिंसा के दृश्य
बीते कुछ दिनों पहले तुर्की में बहुत ज़्यादा तीव्र गति का भूकंप आया था जिसके बाद पचास हज़ार से ज़्यादा तुर्की नागरिकों की जान चलो गयी थी. इसी संदर्भ में इस वक़्त सोशल मीडिया पर एक हिंसक वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है जिसमे ये दावा किया जा रहा है की भूकंप आने में जो बिल्डिंग्स भूकंप की वजह से गिर गयी थी उनके बिल्डरों की तुर्की के सैनिकों ने गोली मारकर हत्या कर दी. दिलीप कुमार सिंह नामक यूजर वीडियो डालकर लिखते हैं “तुर्की के सैनिकों ने उन कंस्ट्रक्शन ठेकेदारों को गोली मार दी जिनके घटिया काम ने हजारों निर्दोष लोगों को मार डाला।भूकंप को अवशोषित करने के लिए उन्हें भूकंपीय डैम्पर्स के लिए भुगतान किया था लेकिन उन्होंने ऊंची इमारतों की नींव के नीचे कार के टायर गाड़ दिए.क्या भारत में ऐसा संभव है❓”
Fact Check/ Verification
वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले हमने अपने कुछ टूल्स की मदद से वीडियो को किफ्रेम्स में बदला उसके बाद सर्च किया तो हमें अप्रैल 2022 की द गार्डियन की एक रिपोर्ट मिली उस रिपोर्ट में दिखाए गए सैनिक और वायरल वीडियो में दिख रहे सैनिक एक दूसरे से मेल खा रहे हैं. इस रिपोर्ट में बताया गया है की कैसे साल 2013 में दो सीरियन सैनिकों ने सैकड़ों सीरियाई नागरिकों का नरंसहार किया था.
साभार: द गार्डियन
फिर हमें न्यू लाइन्स मैगज़ीन की एक और रिपोर्ट मिली जिसमें विस्तार से 2013 में हुए नरंसहार के बारे में बताया गया है. रिपोर्ट में गोलियां चला रहे सैनिक का नाम अमज़द युसूफ बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस नरंसहार में 288 नागरिकों की हत्या की गयी थी जिनमे 7 औरतें और 12 बच्चे भी शामिल थे. विकिपीडिया के मुताबिक इस नरंसहार को Tadamon massacre नाम दिया गया. Tadamon सीरिया की राजधानी दमिश्क के बराबर में एक जगह है उसी जगह पर ये नरंसहार हुआ था.
साभार: न्यू लाइन्स मैगज़ीन
कुल मिलाकर, 2013 में सीरिया में नागरिकों को मारने वाले सैनिकों का वीडियो तुर्की का बताकर ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया. हमारी इस पड़ताल से ये साफ़ हो गया की वायरल वीडियो 9 साल पुराना और सीरिया का है न की तुर्की का अतः सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा किया जा रहा दावा पूरी तरह भ्रामक है.
Claimed By | Social Media Users |
Claimed Reviewed By | The Searchlight |
Claim Source | |
Claim Fact Check | Misleading |