नई दिल्ली (द सर्चलाइट): सोशल मीडिया पर इस वक़्त एक वीडियो काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमे देखा सकता है की एक मौलाना खड़े हुए कह रहे हैं की जाट, गुर्जर और चौधरी समाज के लोगों से कोई सामान न खरीदना और न ही इनके वाहनों में बैठना.
उत्तरप्रदेश के माँट विधानसभा से विधायक राजेश चौधरी ने ट्वीट किया और वीडियो के सन्दर्भ में कहा की राजस्थान के बाड़मेर में मुस्लिमों द्वारा यह आह्वान किया जा रहा है की जाट, और गुर्जर से कोई सामान नहीं खरीदना है.

एक और ‘हम लोग We The People‘ नामक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए यह दावा किया की राजस्थान के बाड़मेर से मुस्लिमों द्वारा फ़तवा दिया गया है की हिन्दुओं से कोई सामान नहीं खरीदना और ना ही इनके वाहनों में बैठना है. एक और अरविन्द चौधरी नामक ट्विटर उपयोगकर्ता ने भी यही वीडियो शेयर करते हुए लिखा की ‘दौरे नफ़रत! राजस्थान के अंदर बाड़मेर में मौलाना ने फतवा जारी किया है कि जाट, गुर्जर,चौधरीयों से कोई समान कोई भी वस्तू ना खरीदें साथ ही इनकी किसी भी गाड़ी में ना बैठें…’
ऐसे ही कई सारे यूजर ने यही दावा करता हुए वीडियो डाला है यह ट्वीट आप यहाँ, यहाँ, और यहाँ क्लिक करके देख सकते हैं.
फैक्ट चेक/वेरिफिकेशन
दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को कीफ्रेम्स में तब्दील किया और उसके एक स्क्रीनग्रैब को हमने गूगल पर रिवर्स सर्च किया तो हमारी टीम को साल 2019 के जून के महीने का फेसबुक पर प्रसारित एक वीडियो मिला. जिसमे लिखा हुआ था की ‘#बाड़मेरकेगागरिया
गांव में शिव विधायक अमीन खान के ऑडियो वायरल के बाद मुस्लिमों के मौलवी ने एक फतवा जारी किया है जाटों की दुकान से जाटों के पंप से जाटों के मेडिकल स्टोर से जाटों की गाड़ी से कोई सामान नहीं खरीदेगा कोई तेल नहीं भर पाएगा कोई दवाई नहीं खरीदेगा ।’ अतः इससे यह तो साफ़ हो गया वायरल वीडियो हाल का नहीं यह वीडियो 4 साल पुराना है.

उसके बाद हमें विधायक राजेश चौधरी के ट्वीट तले बारमेर पुलिस का एक रिप्लाई मिला जिसमे पुलिस द्वारा सफाई दी गयी थी और कहा गया है की वायरल वीडियो 2019 है का एक प्राइवेट बस में आग लगने से एक व्यक्ति की मृत्यु और 3 लोग घायल हो गए थे उसी के विरोध में परिजनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था. आउट तत्पश्चात मृतक के परिजन द्वारा ये भाषण दिया गया था जिस पर उसी वक़्त कार्यवाही की गयी थी.

अतः इससे यह निष्कर्ष निकलता है की वायरल वीडियो 2019 का है जिसकी तत्पश्चात ही कार्यवाही कर दी गयी थी.
Claimed By | Social Media Users |
Claimed Reviewed By | The Searchlight |
Claim Source | Twitter, Facebook |
Claim Fact Check | Misleading |